Friday, July 17, 2020

स्वर्ग और नर्क

❤️"मैं स्वर्ग और नरक के बारे में जानना चाहता हूं," सैनिक ने गुरु से कहा।  "क्या वे वास्तव में मौजूद हैं?"  उसने गुरु से पूछा।

❤️ गुरू ने सैनिक को देखा और पूछा, "तुम कौन हो?"

 ❤️"मैं एक सम्मानिक सैनिक हूँ," गर्व से योद्धा होने की घोषणा की।

 ❤️"हा!" "हा" "हा" सर्वोच्च गुरु सैनिक से बोले।  “आपको क्या लगता है कि आप ऐसी बातों को समझ सकते हैं?  आप महज एक घिनौने, क्रूर सिपाही हैं!  

❤️चले जाओ और अपने मूर्ख सवालों के साथ मेरा समय बर्बाद मत करो, ”गुरु  ने कहा, सैनिक को भगाने के लिए अपना हाथ लहराते हुए।

❤️सैनिक को अपना ऐसे अपमान की आशा न थी स्वयं को अपमानित होता जानकर उसने गुरु को मारने के लिए तलवार खेंची। 
 
❤️लेकिन तभी अन्य सैनिकों ने उस सैनिक की गर्दन पर तलवार रख दी और बोले आप गुरु के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते।

❤️ ठीक उसी समय गुरु उस सैनिक के समीप आकर शांत स्वभाव से बोले सभी लोग शांत होकर सुने गुरू ने उस सैनिक से शांति से कहा, "यही नरक है।"

❤️ सिपाही को दबोच लिया गया।  उसका चेहरा नरम पड़ गया।  गुरु की बुद्धिमत्ता से प्रभावित होकर, उसने अपनी तलवार फेंक दी और गुरु के सामने झुक गया।
तब गुरु ने फिर शांति से बोले

❤️"और यही स्वर्ग है," गुरु ने कहा, बस शांति से।

❤️ऐसी स्थिति जहां मन को शान्ति मिले वहीं स्वर्ग 
❤️ऐसी स्थिति जहां मन को दुःख अशांति मिले वही नर्क हैं


No comments:

Post a Comment

उम्मीद का दिया

🔸एक घर मे *पांच दिए* जल रहे थे। 🔸एक दिन पहले एक दिए ने कहा - इतना जलकर भी *मेरी रोशनी की* लोगो को *कोई कदर* नही है...तो बेहतर यही होगा कि ...